Saturday, March 6, 2010

ये रातें ये मौसम ये हंसना हंसाना

ये रातें ये मौसम ये हंसना हंसाना
मुझे भूल जाना इन्‍हें ना भुलाना
ये बहकी निगाहें ये बहकी अदाएं
ये आंखों के काजल में डूबी घटाएं
फिज़ा के लबों पर ये चुप का फसाना
मुझे भूल जाना इन्‍हें ना भुलाना
चमन में जो मिलके बनी है कहानी
हमारी मुहब्‍बत तुम्‍हारी जवानी
ये दो गर्म सांसों का इक साथ आना
ये बदली का चलना ये बूंदों की रूमझुम
ये मस्‍ती का आलम ये खोए से हम-तुम
तुम्‍हारा मेरे साथ ये गुनगुनाना
मुझे भूल जाना, इन्‍हें ना भुलाना ।।

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