ये रातें ये मौसम ये हंसना हंसाना
मुझे भूल जाना इन्हें ना भुलाना
ये बहकी निगाहें ये बहकी अदाएं
ये आंखों के काजल में डूबी घटाएं
फिज़ा के लबों पर ये चुप का फसाना
मुझे भूल जाना इन्हें ना भुलाना
चमन में जो मिलके बनी है कहानी
हमारी मुहब्बत तुम्हारी जवानी
ये दो गर्म सांसों का इक साथ आना
ये बदली का चलना ये बूंदों की रूमझुम
ये मस्ती का आलम ये खोए से हम-तुम
तुम्हारा मेरे साथ ये गुनगुनाना
मुझे भूल जाना, इन्हें ना भुलाना ।।